अतिथि शिक्षकों के नियमित नही होने से भाजपा सत्ता के गलियारों से बाहर हुयी यही गलती वर्तमान कांग्रेस सरकार कर रही, अतिथियों की दर्द भरी आबा
अतिथि शिक्षकों का सत्याग्रह का 50 वां दिन , विभिन्न संगठनों का मिल रहा समर्थन
भोपाल:-
राजधानी का यादगार ऐ शाहजहानी पार्क अतिथि शिक्षकों के सत्याग्रह एवँ आमरण अनशन के कारण यादगार होने के साथ ही कांग्रेस सरकार द्वारा वचनपत्र में किये हुये वादों को पूरा कराने का केंद बिंदु बन गया है। प्रदेश प्रबक्ता जगदीश शास्त्री ने अपने उद्बोधन में कहा की सरकार अपनी संबैधानिक पराकाष्ठा की सीमा को पार कर रही है पुराणों में कहा गया हे जिस राजा के राज्य में गुरु का सम्मान नही होता है। उसका राज्य विनाशता की बढ़ता है। माननीय मुख्यमंत्री जी को तुरन्त संज्ञान लेना चाहिये वरना मजबूरी में हमे शिक्षक मर्यादा को लांघते हुये सड़कों पर उतरना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदार मध्य प्रदेश सरकार होगी।
गत 50 दिनों में अतिथि शिक्षकों ने सरकार से अपना हक मांगने के लिये प्रकृति प्रकोप भी झेला जिसमे भयंकर सर्दी, कपकपाती ठण्ड ओस की बुँदों के साथ शीत लहर और अब आंदोलन के दिनों में अर्ध शतक पूरा होने पर दिन में तेज तर्राट तीखी धूप का सामना करना पड रहा है। क्या? सरकार में मानवता नही बची, क्या? कांग्रेस दिग्गजों का वचन अतिथि शिक्षकों के लिये प्रवचन सावित होगा। उक्त आशय की बात मीडिया प्रभारी सर्जन सिंह शिल्पकार ने सत्याग्रह के 50वें दिन के आमरण अनशन में कही।
प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार का कठोर निर्णय जब तक अतिथियों का नियमितीकारण नही करेगी सरकार तब तक अन्न जल ग्रहण
नही करूँगा। स्वास्थ्य पुनः बिगड़ा पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरतते हुये परिहार को हॉस्पिटल मे भर्ती करने का दबाब बनाया साथ ही यह भी कहा की यदि भर्ती नही कराये गए तो आन्दोलनरत अतिथियों की खिलाफ केश दर्ज किया जाएगा। 108 एम्बुलेंस को पुलिस प्रशासन ने बुलाया और दबाब बनाकर परिहार को 1250 हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस दौरान अतिथि शिक्षकों ने भारत माता की जय , इंकलाब जिंदाबाद, के नारे लगाये।
प्रदेश प्रबक्ता जगदीश शास्त्री और पुलिस प्रशासन के बीच इस दौरान तीखी नोक झोंक हुयी जब पुलिसकर्मी आमरण अनशन पर बैठे लोगों को जबरन हॉस्पिटल में भर्ती करने की बात करने लगे। प्रबक्ता शास्त्री की वार्तालाप से पुलिस प्रशासन को मैदान से बाहन होना पड़ा।
आमरण अनशन को मिला विभन्न संगठनों का समर्थन धरना स्थल पर आजाद अध्यापक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जावेद खान साहब एवँ प्रदेश सचिव अजय बख्शी जी ने समर्थन देते हुये कहा की घर घर तक सन्देश पहुंचे की अतिथि शिक्षक आमरण अनशन बैठे है। उम्मीदों के साथ अपने आप से वादा कीजिये दोस्तों हम जीत कर जायेंगे। हम हमारा मनोबल नही गिरने देंगे। यह बात आपके जहन में होना चाहिये की आपके घर परिवारों के लोग आस लगाये बेठे है की आप लोगो नियमित होकर लौटेंगे। अपनी हक की लड़ाई लड़ना कोई गुनाह नही है हम भी आपके साथ है प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार और आप लोगों का त्याग तपस्या और यह कठोर निर्णय जिससे स्वयं का जीवन दाव पर लगा हो ऐंसे जज्बे को नमन करता हूँ। हम जरूर जीतेंगे।
अतिथियों की उम्मीद मायूस नही होंगे हम 50 वें दिन पुरे होने पर अतिथियों का दर्द झलका अपनेआप को सँभालते हुये दर्द भरी आबाज में कहा अब अपना हक लेने की जंग इतनी बड़ी और जायज हो गयी है की चाहते हुये भी कदम पीछे नही ले सकते। हमे हमारे उन दिवगंत साथियों की याद आती हे जिन्होंने विगत 13 वर्षों में अतिथि शिक्षकों के रूप में कार्य किया और भाजपा सरकार के समय में आर्थिक तंगी से बाज आकर मौत को गले लगा लिया। भाजपा सरकार को प्रत्येक अतिथियों श्राप लगा जिसके कारण भाजपा सत्ता के गलियारों से बाहर हुयी। यही गलती वर्तमान कांग्रेस सरकार कर रही।
आमरण अनशन के दौरान पी डी खेरबार, नवीन शर्मा, पुष्पा सविता, काजल रख्यानी, बनवीर चन्द्रवंशी, आयुषी तिवारी, सुमित्रा साहू, रविशंकर दहायत, भुपेन्द्र सिंह, हेमन्त तिवारी, अनवार अहमद कुरैशी, सर्जन सिंह शिल्पकार, रमाकांत सिंह, बी डी वर्मा, साधना तिवारी, मयुरी चौरसिया, आरती तिवारी आदि मौजूद रहे।