पीड़ितों की मदद के लिए उठे हजारों हाथ, हम उनके आभारी: विष्णुदत्त शर्म
भोपाल। कोरोना वायरस महामारी सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि इसने समाज के एक बड़े वर्ग की आजीविका को ही खतरे में डाल दिया है। यह हमारा सौभाग्य है कि हम ऐसे देश और प्रदेश में रह रहे हैं, जहां मानवीय संवेदना जीवित है। महामारी के इस दौर में गरीबों, मजदूरों और अभावग्रस्त लोगों की मदद के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा की गई पहल के बाद प्रदेश में हजारों लोग उनकी प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष सहायता के लिए आगे आ रहे हैं। कहीं बच्चे अपनी गुल्लक तोड़ कर उसमें से निकले पैसे पीड़ितों की मदद के लिए दे रहे हैं, तो कहीं कोई , बस, इसके लिए आग्रह करने की जरूरत भर थी।
श्री शर्मा ने कहा कि चाहे कटनी और नीमच के बच्चे हों, या उज्जैन के किसान, व्यापारी और आम लोग, इनमें यही समानता रही है कि हर एक के मन में पीड़तों की सेवा का भाव था और किसी ने यह नहीं सोचा कि मैं जो सहायता उपलब्ध करा रहा हूं, वह कितनी बड़ी है और कितने काम आएगी। इन लोगों ने तो बस एक नागरिक और समाज के अंग के रूप में अपनी जिम्मेदारी को समझा और कदम बढ़ा दिये। श्री शर्मा ने कहा कि यदि हमारे समाज के अन्य लोग भी इन बच्चों, बुजुर्गों, किसानों, व्यापारियों से प्रेरणा लें, तो कोरोना तो क्या दुनिया की कोई महामारी हमारे देश और प्रदेश के सामने टिक नहीं सकेगी।
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>पीड़ितों की मदद के लिए उठे हजारों हाथ, हम उनके आभारी: विष्णुदत्त शर्मा