वन विभाग में संचालित ग्रीन इंडिया मिशन अंतर्गत मास्क निर्माण 

 


वन विभाग में संचालित ग्रीन इंडिया मिशन अंतर्गत मास्क निर्माण
भोपाल : 3 अप्रैल 2020


  नोवल कोरोना वायरस के संकमण को रोकने एवं ग्रामीण क्षेत्र में लोगों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने हेतु मुख्यमंत्री जी की मंशा अनुसार वन विभाग में संचालित ग्रीन इंडिया मिशन अंतर्गत वनमंडल उत्तर बैतूल के परिक्षेत्र भौंरा में सिंलाई प्रशिक्षण प्राप्त आदिवासी महिलाओं के "अरण्य स्व-सहायता समूह' द्वारा नवीन पहल की गई है जिसके अंतर्गत भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार कॉटन के कपड़े से मास्क निर्माण का कार्य किया जा रहा है यह मास्क " होम मेड़ मास्क'' की श्रेणी में आता है जो कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में 70 प्रतिशत तक सफल है एवं इसे धोने के उपरांत कई बार उपयोग किया जा सकता है। निर्मित मास्क को अल्ट्रा वायलेट लाइट तकनीकी से संक्रमित रहित (सेनेटाईज) किया जा रहा है। समूह द्वारा दस हजार मास्क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। 24 मार्च से 2020 से निर्माण प्रारंभ कर 2 अप्रैल 2020 तक 5 हजार मास्क निर्माण किए जाकर वितरित किए जा चुके है। आठ रूपये के दर से मास्क स्थानीय ग्रामीण को प्रदाय किया जा रहा है।
 निर्मित मास्क प्राथमिकता के आधार पर वन अमले, वन सुरक्षा में लगे सुरक्षा श्रमिक तथा ऐसे ग्रामीण जो ग्राम से बाहर किसी कार्य से गए थे एवं वापस लौटे हैं एवं ऐसे व्यक्ति जिन्हें आकस्मिक कार्य से बाहर जाना पड़ता है व मास्क क्रय करने में समर्थ नहीं है, उन्हें विभाग के संयुक्त वन प्रबंध समितियों के माध्यम से नि:शुल्क वितरित किए जा रहे हैं। इस पुनीत कार्य में वन कर्मचारी एवं वन समितियाँ सक्रियता से भाग ले रही है। मास्क वितरण का यह का कार्य सभी वन परिक्षेत्रों में किया जा रहा है। वन समितियों में मास्क वितरण के साथ-साथ हाथ धोने हेतु साबुन भी प्रदाय किए जा रहे हैं तथा ग्रामीणों को समय-समय पर हाथ धोने एवं मास्क का पुन: उपयोग के पूर्व साबुन से गरम पानी में धोकर पाँच धंटे तेज धूप में सुखाने की भी समझाईश दी जा रही है।
 भविष्य में मांग के अनुसार होम मेड़ मास्क का निर्माण किया जा सकता है। निर्माण सामग्री के निरंतर उपलब्धता के संबंध में स्थानीय अधिकारी स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं। समूह प्रति दिवस लगभग 1000 मास्क निर्माण करने की क्षमता रखता है। मास्क निर्माण के माध्यम से स्व-सहायता समूह के महिलाओं को रोजगार के साथ राष्ट्र के इस कठिन परिस्थिति में अपना बहुमूल्य योगदान देने का अवसर प्राप्त हो रहा है। 


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